कविता नामक ब्लॉग में प्रकाशित कवितायें विकेश की मौलिक व स्वरचित कवितायें हैं।
नयी आस बांधी है
स्व श्वास साधी है
चल पड़ा हूं
संवेदनाओं को
शब्द ओढ़ाने
ताकि वे उगने से लेकर
अस्त होने तक
पल्लवित रहें
क्योंकि उनसे
जीवन साधना है
पल प्रतिपल
स्वागतम्! स्वागतम्! स्वागतम्!
शुभकामनाएं। नये वर्ष की भी कविता के साथ ।
सुंदर सृजन ।
कविता के इस प्रथम पुष्प का स्वागत है.
स्वागतम्! स्वागतम्! स्वागतम्!
ReplyDeleteशुभकामनाएं। नये वर्ष की भी कविता के साथ ।
ReplyDeleteसुंदर सृजन ।
ReplyDeleteकविता के इस प्रथम पुष्प का स्वागत है.
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